[scene: एक मिडिल-एज आदमी(मिस्टर मेहता)अपने घर की रिपेयर, रंगाई-पुताई करवा रहा होता है।)]। (This is an ad written n conceptualised by me and is an original work)
VO1 : क्यूँ मेहता साहब किसकी सरकार बनती देख रहे हैं इस बार? इस बार आपका वोट किसे पडेगा?
VO 2(Mr। Mehta): अरे भाई किसे फुर्सत है? अभी घर में काम लगा रखा है। वोटिंग के लिए जा पाना मुश्किल है।
VO1 : अरे मेहता साहब ज्यादा से ज्यादा आधा दिन लगेगा। कुछ घंटे का समय निकाल के चल जाइयेगा वोटिंग करने।
VO 2(Mr। Mehta):कुछ घंटे? अरे यहाँ तो पांच-मिनट की फुर्सत नहीं है। अब अपने घर का काम है। लगे रहना पड़ता है। वरना थोडी सी भी ढिलाई देने का मतलब हजारों का खर्चा और। यहाँ तोह सर पर सवार होकर काम करवाना पड़ता है।
VO1 : अरे तो उतनी देर के लिए किसी और को काम देखने पर लगा दीजिये और आप वोट दे आइये।
VO 2(Mr। Mehta): क्या बात कर रहे हैं भाई? मेरा मकान है तो जवाबदेही भी मेरी ही बनती है इसके देख-रेख की।इस बात की क्या गारंटी है की दूसरा उतने ही sincerity से ये काम देखेगा जितनी sincerity से मैं देखता हूँ। ऐसे कैसे मैं किसी भी के हाथों में अपने घर को सौंप दूँ? अपने घर के मामले में मैं ऐसी लापरवाही नहीं बरत सकता।
VO 1: मेहता जी देश भी तो अपना ही है और इसके देख-रेख की भी तो जिम्मेदारी हमारी ही है। ऐसे कैसे किसी के भी हाथों हम अपने देश को सौंप सकते हैं? अगर हम नहीं सोचंगे तो और कौन सोचेगा।
BACKGROUND VOICE OVER: जब कुछ घंटों के लिए हम अपना घर किसी और के हवाले नहीं कर सकते तो कैसे अपने देश को बिना सोचे-समझे किसी के भी हवाले कर सकते हैं? वोटिंग करने जरूर जाएं तो एक अच्छे और सच्चे नेता को चुन कर अपने देश को भी सुन्दर और मजबूत नींव प्रदान करें।
DO VOTE
VO1 : क्यूँ मेहता साहब किसकी सरकार बनती देख रहे हैं इस बार? इस बार आपका वोट किसे पडेगा?
VO 2(Mr। Mehta): अरे भाई किसे फुर्सत है? अभी घर में काम लगा रखा है। वोटिंग के लिए जा पाना मुश्किल है।
VO1 : अरे मेहता साहब ज्यादा से ज्यादा आधा दिन लगेगा। कुछ घंटे का समय निकाल के चल जाइयेगा वोटिंग करने।
VO 2(Mr। Mehta):कुछ घंटे? अरे यहाँ तो पांच-मिनट की फुर्सत नहीं है। अब अपने घर का काम है। लगे रहना पड़ता है। वरना थोडी सी भी ढिलाई देने का मतलब हजारों का खर्चा और। यहाँ तोह सर पर सवार होकर काम करवाना पड़ता है।
VO1 : अरे तो उतनी देर के लिए किसी और को काम देखने पर लगा दीजिये और आप वोट दे आइये।
VO 2(Mr। Mehta): क्या बात कर रहे हैं भाई? मेरा मकान है तो जवाबदेही भी मेरी ही बनती है इसके देख-रेख की।इस बात की क्या गारंटी है की दूसरा उतने ही sincerity से ये काम देखेगा जितनी sincerity से मैं देखता हूँ। ऐसे कैसे मैं किसी भी के हाथों में अपने घर को सौंप दूँ? अपने घर के मामले में मैं ऐसी लापरवाही नहीं बरत सकता।
VO 1: मेहता जी देश भी तो अपना ही है और इसके देख-रेख की भी तो जिम्मेदारी हमारी ही है। ऐसे कैसे किसी के भी हाथों हम अपने देश को सौंप सकते हैं? अगर हम नहीं सोचंगे तो और कौन सोचेगा।
BACKGROUND VOICE OVER: जब कुछ घंटों के लिए हम अपना घर किसी और के हवाले नहीं कर सकते तो कैसे अपने देश को बिना सोचे-समझे किसी के भी हवाले कर सकते हैं? वोटिंग करने जरूर जाएं तो एक अच्छे और सच्चे नेता को चुन कर अपने देश को भी सुन्दर और मजबूत नींव प्रदान करें।
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