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Tuesday, September 28, 2010

चुनावी बायो-डाटा



बिहार विधान सभा चुनाव में टिकट प्राप्ति हेतु सभी पार्टियों को लिखा गया मेरा पत्र

सेवा में,

माननीये  पार्टी  प्रमुख (सिर्फ  तब  तक  जब  तक आप  मेरा आवेदन रिजेक्ट  नहीं  कर देते !),

मैं  आपकी  पार्टी की ओर  से एक टिकट पाने का इच्छुक हूँ . मेरा नाम  काबिल है. अभी  सिर्फ पहला नाम ही  बता  रहा हूँ. सरनेम  अभी अपने  तक ही रखना  चाहूँगा .सरनेम तोह  पार्टियों के द्वारा  टिकट देने के चांस व रेस्पौन्स  के अनुसार  ही तय   होगा .बहरहाल , यहाँ  मैं अपनी दावेदारी  के पक्ष  में कुछ  खूबियों  को पेश  करना  चाहूँगा------

बचपन  से  लेकर  आज  तक  मैंने  वोह  सब   काम  किये  हैं  जो  एक  विधायक  के  साथ  जोड़कर  हम  देखते  हैं . 


मिसाल  के  तौर  पे  मैंने  हमेशा  दूरगामी  फाएदे  ही  देखे .चिल्लर  बटोर  कर  खुश  हो  जाने  की  जगह  मेरी  नज़र  हमेशा  बड़ा  हाथ  मारने  पर  ही  रही. बचपन  में  अभी ट्राईसाइकिल पर  बैठा  नहीं  था  की  मेरे  हाथ  में  मेरी  दुपहिया  और  चार -पहिया  वाहन  चलाने  का लाइसेंस रख  दिया  गया. पर मैंने उसे  हाथ तक नहीं लगाया . अब  भाई  मुझे  ये दोपहिया  चारपहिया  वाहन नहीं  बल्कि   जनता  रूपी  'हजारों पहिया वाहन' जो चलाना था. दुपहिया और चार-पहिया वाहन चलाने में तो लाइसेंसऔर टेस्ट का चक्कर  रहता  है. इसमें  नहीं. इसमें अगर  ड्राइविंग करते हुए वाहनका एक्सीडेंट  भी  हो गया तोह जो उखड़ेगा , टूटे -फूटेगा   वो वाहनका ही .ऐसे  वाहनों के चालकों को कभी  खरोंच  तक भी आई  है क्या?

हर  बार  तोह नुक्सान  वाहनका ही  होता  है .हाँ  बहुत  हुआ  तोह  चालक कुछ  समय  के  लिए  रिप्प्लेस  हो   जाता   है . लेकिन  फिर  वापस  तोह  रैश  ड्राइविंगके लिए तोह आ  ही जाता है. वोह भी कानून की स्वीकृति  से. अब इससे  सेफ  प्रोफेशन  कहाँ  मिलेगा ? यहाँ तोह चित्त  भी अपनी और पट  भी अपनी.

अब आते  हैं एक और महत्वपूर्ण  क्रईटेरिया   पर----आपराधिक  छवि . 
जहाँ  तक  खून -खराबे ,लूट -पाट ,हत्या  की बात  है तो इस  मामले  में भी हमारा  रिकार्ड   एकदम  टनाटन  है. पिछले  पांच  साल  से घर  पर बेरोजगार  बनके  बैठने  से अपने परिवार की खुशियों  का जो गला  घोंटा  है और दिन -रात  मेरे नशे  में  डूबे रहने  के कारण  जो उनकी  इज्ज़त  का सरेआम  चीरहरण  होता आया  है हर दूसरे  दिन, ये क्या कम  है और क्या ये सब मेरे बायो-डाटा को चार-चाँद  नहीं लगाता  है?

वादों  से भी मुकरने  में मेरा कोई  सानी  नहीं है. पूछ  लो  मेरे बच्चों  से. तेवहारो  पर मिठाइयाँ , नए  कपडे  दिलवाने  का एक भी वादा  जो पूरा  किया  हो ! प्रौमिसेस  आर  मेंट  तू  बी  ब्रोकेन को  रामबाण  मानकर  मेरे  वंश   के  कल को  सिर्फ  आने वाले कल की  काल्पनिक रेवड़ियां   बाँटता  आता  रहा हूँ .

हाँ एक जगह जहाँ मेरी दावेदारी कम पड  जाती  है  वोह  है  मेरा  एजुकेशनल  क्वालिफिकेशन . उ  का  है  की  हम  ग्रेजुएट  जो  ठहरें ! अब आप  कहेंगे  की  इतनी   पढाई  लिखाई  कर के राजनीति  में क्यों  आ रहा है ये बावला ? इतनी पढाई क्या  इस्तेमाल  आएगा  इसे  इस  ड्राइविंगवाले प्रोफेशन में? लेकिन गौर करने वाली  बात ये है की भले  ही हम स्नातक  तक पढ़े  हो लेकिन जो मजाल  की एक भी इम्तेहान बिना  चोरी -चमारी  या  सांठ -गाँठ  के   पास  की हो! सो बेगारी ,चोरी,झूठ -फरेब  का  10-12 साल  का  एक्स्पिरिएन्स   होल्ड  करते  हैं .

सिस्टम  के काम करने के तौर-तरीकों  से भी हम अच्छी  तरह  वाकिफ  हैं. अब 5 साल पहले  गुजरे  पिताजी  की जगह अनुकम्पा  पर नौकरी पाने कि कोशिश  और फिर इसमे  नाकामयाब  रहने पर उनकी पेंशन  पाने के लिए जो 5 साल से सरकारी  दफ्तरों  और बाबुओं  के चक्कर काटे  हैं, वो अनुभव  काउंट  नहीं होगा क्या?

लौयाल्टी   के मामले में भी  हमको  कोई  काट  नहीं  सकता  बशर्ते  की  उस  लौयाल्टी   के  एवज  में  हमको  टाइमली  रौयल्टी मिलती  रहे .

उम्मीद  है  की  हम  एक  मजबूत  दावेदार  के  रूप  में  बनकर  उभरेंगे  और  टिकट  पाकर  राजनीति  के  विद्यार्थी बनने  का  सौभाग्य  इस  टिकटार्थी को  मिलेगा .आशा  है  आपसे  जल्द  hi ऑफर   लेटर   मुझे   प्राप्त  हो  जाएगा .
प्रणाम;
आपका  ‘काबिल

1 comment:

dolly jha said...

Hi Chandan ,
I don't yet no how to reply to a commebnt left on the blog post hence my reply to ur comment comes here.

thanks for the list Chandan...
Two of the best books for aspiring copywriters are:
1. Ogilvy on Advertising- this will give you an insight into the industry.
2.The Craft of Copywriting- Alastair Crompton- this one is like an exercise book for the budding copywriters.

Will try the books that you've named.
Have read- Anything for you ma'am.
din't like it much tho... found it very frivolous. the TA of it is basically college+ types.

You must read the autobiography of Obama- Dreams From My Father. Not coz it is the account of the strongest political entity on Earth but because of the brilliant and beautiful usage of the words. I found it to be a copywriters' delight. In fact read it with a pencil/pen in hand. underline every sentence/word combo that u like. u can use them later. u'll learn a lot from this book, if you wish to be a great copywriter someday.

Thanks for the Diwali message. Replied to it but it got failed.
anyway, Happy Diwali :)